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मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति के प्रदर्शन के बाद सरकार हरकत में

मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति के प्रदर्शन के बाद सरकार हरकत में दिखाई दे रही है। आंदोलन उग्र होता देख मुख्यमंत्री ने स्थानीय विधायक और एसएसपी को दिवंगत रवि बडोला के घर पर वार्ता के लिए भेजा और पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया कि सरकार रवि बडोला के साथ न्याय करेगी। घटना के बाद पहली बार एसएसपी और विधायक के पहुँचने को संघर्ष समिति के आंदोलन के असर के रूप में देखा जा रहा है। संघर्ष समिति ने उत्तराखंड में बढ़ते गुंडे-बदमाशों के आतंक, मूल निवास 1950 और सशक्त भू-कानून को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। आंदोलन की रणनीति को लेकर समिति जल्द एक बैठक बुलाने जा रही है।

वहीं प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार हुए मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी के साथ अन्य 12 लोगों को कल देर रात साढ़े दस बजे सिटी मजिस्ट्रेट के यहां से जमानत पर रिहा किया गया।

जमानत पर रिहा होने के बाद मोहित डिमरी ने कहा कि पुलिस ने हमारे साथ बदसलूकी की। हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। कल सुबह दस बजे हमारी गिरफ्तारी हुई और हमें रात की दस बजे जमानत दी गई। हमारे ऊपर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। हम पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि हमने पथराव किया, संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और गाली-गलौज की। हम सरकार की इस तरह की कार्रवाई से बिल्कुल डरने वाले नहीं हैं। आगे और ताकत से उत्तराखंड में बढ़ रहे गुंडे-बदमाशों के आतंक और मूल निवासियों के सुरक्षित भविष्य की लड़ाई को लड़ेंगे।

मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति लंबे समय से मूल निवास, भू कानून की लड़ाई को इसीलिए लड़ रही है। उत्तराखंड में बाहरी राज्यों के गुंडे बदमाश पनप रहे हैं और ये बदमाश यहां के मूल निवासियों को मौत के घाट उतार रहे हैं। उनकी जमीन कब्जा रहे हैं। अपराधियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। यही हाल रहा तो मूल निवासियों का वजूद ही खत्म हो जाएगा। जल्द ही आंदोलन की रूपरेखा को लेकर एक बैठक होगी। जिसमें इन तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

 

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